तत्काल प्रबंधन से अधिक जनहानि नहीं हुई : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

आगर-मालवा – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज विधानसभा
स्थित कक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत में कहा कि हरदा के हादसे में
राज्य शासन की सजगता, राहत और बचाव के सभी कदम एक साथ उठाने से
जनहानि को कम से कम करने में सफलता मिली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
हरदा की पटाखा फैक्ट्री विस्फोट हादसे पर चर्चा करते हुए राहत और बचाव
के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हादसा जितना भयावह था, उसकी
भयावहता को दृष्टिगत रखते हुए त्वरित पुख्ता प्रबंधन कर लोगों को अविलंब
उपचार के लिए अस्पतालों तक तत्परता से पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने कहा कि हादसे में प्रभावित परिवारों तक सहायता राशि पहुंचाने का
कार्य सुनिश्चित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि हरदा हादसे के
पश्चात घायलों के उपचार, उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का कार्य
तत्परता से किया गया। इस प्रबंधन से अधिक क्षति नहीं हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में पटाखा फैक्ट्री के संचालन के
संबंध में जानकारी एकत्रित की गई है और सुरक्षा के प्रबंधन की जानकारी
मांगी गई है। इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि
जहां भी नियमों का उल्लंघन हो, कठोर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हरदा हादसे की जांच के दायरे में आने वाला
कोई भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो जांच के बाद नहीं बचेगा। मामले में दोषी
लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हरदा घटना की पूरी तरह
निष्पक्ष जाँच होगी, जिसकी भी गलती होगी, उसे छोड़ा नहीं जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि हरदा में हुए हादसे के संदर्भ में तत्काल
आपात बैठक एवं इसके पश्चात वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के समस्त
कलेक्टरों की बैठक ली गई। प्रत्येक कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि वे अपने
जिले में संचालित हो रही पटाखा फैक्ट्री का निरीक्षण कर शासन को प्रतिवेदन
दें। इस क्रम में जिलों से जानकारियां प्राप्त हुई हैं।
राज्य सरकार की ओर से हरदा हादसे में प्रत्येक मृतक के परिवार को चार-
चार लाख रूपए की राशि, गंभीर घायल व्यक्ति के लिए दो-दो लाख रूपए की
राशि और साधारण रूप से घायल व्यक्ति के लिए 50 हजार की राशि सहायता
स्वरूप देने का निर्णय लिया गया। प्रभावित परिवारों तक राशि पहुंचाई गई।
हरदा जैसी गंभीर घटनाओं को लेकर मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने और एयर
एंबुलेंस के लिए भी प्लानिंग की गई है। जहां भी जरूरत पड़ेगी, वहां राज्य
सरकार पूरी सहायता करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हरदा हादसे पर बीते दो दिनों में राज्य
सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए हैं। इस हादसे में कई गुना ज्यादा नुकसान हो
सकता था, लेकिन सरकार की सजगता के कारण इस पर नियंत्रण पाया गया।
तत्काल सभी प्रकार के प्रबंधन किए गए। घायलों को बिना देरी के अस्पतालों
में भर्ती कराया गया और उनके बेहतर उपचार के निर्देश दिए गए। हादसे में
जिनका निधन हुआ उनके परिजनों के साथ राज्य सरकार खड़ी है। प्रभावित
परिवारों को आर्थिक सहायता देने के साथ ही विभिन्न तरह की अन्य मदद
भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उन्होंने जिला अस्पताल हरदा पहुंचकर
उन्होंने पटाखा दुर्घटना में घायल नागरिकों से भेंट की। साथ ही कई
जनप्रतिनिधियों ने भी प्रभावित परिवारों से मुलाकात की एवं उनका हालचाल
जाना। हरदा की घटना को लेकर सूचना मिलते ही पूरी जानकारी प्राप्त कर

समीक्षा की गई एवं अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य में सक्रिय किया
गया। हरदा हादसे को लेकर अविलंब आपात बैठक बुलाकर कार्यवाही की गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हरदा हादसे की जानकारी मिलते ही कैबिनेट
की बैठक बीच में रोकी गई। स्कूल शिक्षा और परिवहन मंत्री राव उदय
प्रताप सिंह को तत्काल हरदा भेजा गया। वरिष्ठ अधिकारियों को भी दल में
शामिल कर हरदा घटनास्थल पर रवाना किया गया। आग पर नियंत्रण के
लिए 100 से ज्यादा फायर ब्रिगेड घटनास्थल पर भेजी गई। इंदौर, भोपाल,
नर्मदापुरम के अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया।

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