अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला आगर मालवा द्वारा अप्रैल 2024 को गुड़ी पड़वा- उत्सव ,डे केयर सेंटर आगर मालवा पर मनाया गया।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला आगर मालवा द्वारा 09अप्रैल 2024 को गुड़ी पड़वा- उत्सव ,डे केयर सेंटर आगर मालवा पर मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथ्य नागराज जी जादम एवं प्रहलाद सिंह चौहान के साथ अध्यक्षता रामचंद्र बंदरवाल द्वारा की गई ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं गुड़ी पूजन, माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
मुख्य वक्ता बृजमोहन चौहान द्वारा चैत्र माह के गुड़ी पड़वा का इतिहास एवं महत्व बताया गया। मदन लाल जी शर्मा द्वारा नवरात्रि को शक्ति संग्रह एवं रितु संधिकाल का वर्णन करते हुए एक कविता के माध्यम से नववर्ष की शुभकामनाएं दी गई ।
कैलाश जी राठौड़ द्वारा राम आए हैं गीत के माध्यम से देश और समाज की उन्नति में हमारा योगदान के दर्शन करवाए गए ।
पारस जैन चौधरीजी द्वारा धर्म और संस्कृति को मीरा के भजन “पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ” गाकर प्रस्तुत किया।
शरद जी बंसिया द्वारा एक प्रकृति गीत “मस्तक तिलक लगाएंगे ,नव वर्ष मनाएंगे” सुना कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया।
मुख्य अतिथि जादम द्वारा “जीवन में कार्य एवं वक्तव्य के प्रति ईमानदारी अपनाएं” विषय पर युग परिवर्तनकारी विचार व्यक्त किये। आपने कहा कि जो हम दूसरों से चाहते हैं वह स्वयं भी अपने जीवन में करें ।अपनी शक्ति को पहचानें। हमारे किए गए कार्य केवल हमारी ही पहचान नहीं होते दूसरों के लिए आदर्श भी बन जाते हैं ,जीवन ऐसा हो जिसमें आपके विचार इस प्रकार के हों कि जो प्राप्त है वही पर्याप्त है। जीवन में आनंद और शांति आपके स्वयं के ही अंदर है उन्हें प्राप्त करें और अंत में हमें हमारी संस्कृति संस्कार और वेदों की ओर लौटने लिए निवेदन किया।।
कार्यक्रम के अध्यक्ष रामचंद्र बंदरवाल द्वारा बताया कि जीवन को योग समझकर उपभोग करेंगे तो धर्म ,अर्थ ,काम और मोक्ष यह सभी के साथ आप देशभक्ति भी कर सकेंगे ।
कार्यक्रम में आर वी जोशी ,शिव सहाय सक्सेना ,दिनेश सोनी, श्याम श्रीवास्तव ,शंकर लाल कुंभकार ,दिनेश श्रीवास्तव ,नरेश जैन ,विष्णु खामोरा ,सहित अनेक साहित्य साधक एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में साहित्य जगत की मालवी भाषा के सशक्त साहित्यकार शिवकुमार शिव को श्रद्धांजली दी गई।
कार्यक्रम का आभार ब्रजमोहन चौबे द्वारा व्यक्त किया गया।