पर्यावरण की अलख जगाने के लिए आचार्यश्री कर रहे पद यात्रा

 

रिपोर्ट । अक्षय राठौर ।

सुसनेर। चारों ओर सिंमेट कांक्रीट की सड़क का जाल बनाने में बेतहाशा हरे वृक्षों की बेरहमी से हत्या कर जंगलों को रेगीस्तान बनाने में हम सब का हाथ है। लेकिन हमने सिमेंट कांक्रीट के र्निमाण तो करवा लिए परन्तु वृक्ष लगाना भुल गए। जिसके कारण हर वर्ष गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ओर बारीश पर भी इसका असर पड़ रहा है। इस को लेकर साधु संत महात्मा भी चिंतित होकर वसुंधरा को हरा भरा करने के लिए अलख जगाने के लिए अग्रसर है। इसी कड़ी में दिगम्बर जैन समाज के आचार्य प्रज्ञासागरजी महाराज ने पौधारोपण करने और पर्यावरण संरक्षित रखने की बात कर पत्रकारों से भी पर्यावरण एवं धरती को बचाने का आव्हान किया। युवाओं को पर्यावरण से जोडकर पौधारोपण के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य को लेकर दिगम्बर जैन समाज के आचार्य प्रज्ञासागरजी महाराज पद यात्रा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के उज्जैन से राजस्थान के लिए पाटन तक लगभग 180 किलोमीटर की इस पद यात्रा में जहां पर उनका विश्राम हो रहा है वहां पर समाज के साथ ही अन्य नागरिकों को भी वे पौधारोपण के लिए प्रेरित कर रहे है। साथ ही स्वयं युवाओं के साथ मिलकर पौधे भी रोपित कर रहे हैं।
दरअसल, पर्यावरण यात्रा के रूप में मध्यप्रदेश से राजस्थान की ओर विहार कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य पेड़ काटने की बजाय पेड़ लगाने का संदेश
उज्जैन से शुरू हुई यह यात्रा नजरपुर, घट्टिया होते हुए ग्राम दाबला हर्दू, तनोडिया और फिर आगर होते गुरुवार को सुसनेर पहुंची थी। जहाँ शुक्रवार को उन्होंने स्थानीय त्रिमूर्ति जैन मंदिर में दोपहर 3 बजे पत्रकार वार्ता का आयोजन कर पत्रकारों एवं जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पत्रकारीता से देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकती है। पत्रकारिता वो स्तम्भ है जिससे देश चलता है। इसीलिए मेरा समाज के साथ सभी पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों से आव्हान है कि वो भी पर्यावरण को बचाने, पेड़ो को काटने से रोकने में एवं अधिक से अधिक पौधे लगाकर वसुंधरा को बचाने का संकल्प ले। अभी दिल्ली में गर्मी का पारा 56 तक पहुँच गया था और आने वाले समय मे 57 तक पहुँच जाएगा तो लोग बैठे बैठे ही मरने लगेंगे। इसीलिए जिनका यहां भी पुत्र पुत्रियां का जन्म हो उनके जन्म के साथ ही वो माता पिता पौधे भी लगाए। और जैसे अपने पुत्र पुत्रियां को बड़ा करने में पूरा ध्यान लगाते है वैसे ही उन पौधों को बड़ा करने में भी ध्यान लगाएं। मेरा दावा है जब आपकी छत्रछाया आपके बेटों पर नही होगी परन्तु आपके लगाए पौधों की छाया आपके जाने के बाद भी आपके बेटों पर होगी। में इसी मिशन को लेकर निकला हु। मेने अपनी दूरदर्शिता से देखा है कि इसी तरह अगर नवनिर्माण चलता रहा। पेड़ कटते रहे। वृक्ष घटते रहे। पदूषण बढ़ता रहा तो आने वाले समय की जो स्थिति होगी वो बहुत भयानक होगी। पहले बिना पंखे के भी लोग रहते थे परन्तु आज लोग बिना कूलर ओर एसी के नही रह सकते है। इसके जिम्मेदार कौन है कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा। इस स्थिति के जिम्मेदार भी हम है और इसकी जिम्मेदारी भी हमे लेना होगी। हमने अपने सामने पेड़ कटते देखा है। परन्तु हमने पेड़ काटने ओर कटवाने वालो से दृढ़ता से यही नही बोला की देखो भाई तुम एक काट रहे हो तो तुम्हे दस पौधे पहले लगाने होंगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान आचार्य श्री ने उपस्थित जनप्रतिनिधि पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश जैन खुपवाला, मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ अध्यक्ष मांगीलाल सोनी,पत्रकार जितेंद्र सांवला, विष्णु भावसार, संजय जैन, रजनीश सेठी विपिन लड्डा, अभय जैन, अक्षय राठौर, मनोज माली, प्रेस फोटोग्राफर युगलकिशोर परमार, पार्षद राणा जयदीपसिंह का स्वागत शाल श्रीफल से समाज के वरिष्ठ अशोक कंठाली, राजमल जैन खुपवाला, कोमलचन्द जैन, ठाकुर पदुमनसिंह जैन, विनोद जैन आदि समाजजनों के माध्यम से करवाया। संचालन समाज के शैलेन्द्र सिंघई ने किया एवं आभार त्रिमूर्ति मन्दिर समिति के अध्यक्ष महावीर जैन सालरिया ने माना।

यहां से सुसनेर पहुंचेंगी शुक्रवार की सुबह 7 बजे जैन समाज सहित अन्य समाज के लोग त्रिमूर्ति मंदिर परिसर में

आचार्यश्री की अगवानी करेंगे। आचार्यश्री ने सरकार से पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने और अधिक पौधे लगाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि देश को करीब पांच सौ करोड़ वृक्षों की आवश्यकता है, अन्यथा तापमान 57 डिग्री तक पहुंच सकता है, जिससे

जानलेवा स्थिति हो सकती है। इस यात्रा के दौरान आचार्यश्री के द्वारा विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण भी किया जा रहा है।

उज्जैन से शुरू हुई यात्रा राजस्थान के पाटन पहुंचेगीः वर्षाकाल के दौरान उनका चातुर्मास राजस्थान के पाटन शहर में होगा. 21 जून को उज्जैन से शुरू हुई यह पद विहार यात्रा 27 जून गुरुवार को सुबह सुसनेर पहुंचने पर समाज द्वारा आर्चाय श्री का स्वागत किया गया. बुधवार को आचार्य  ने आगर में समाज के के युवा एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को यह संकल्प दिलाया की प्रत्येक व्यक्ति कम से कम 10 पौधे अवश्य लगाए और उनके देख रेख करके उन्हें वृक्ष बनाए तभी वृक्षारोपण सार्थक होगा. आचार्य श्री के अनुसार उनकी उम्र 52 वर्ष है और उन्होने संकल्प लिया है की आगे जितना भी जीवन बचा है वह पूरा जीवन पर्यावरण और वंसुधरा को हरा भरा बनाने में समर्पित करूंगा।

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