रिपोर्ट पिंटू बैरागी
बड़ोद। आगर जिले के बडौद में शासकीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में बुधवार को एक ग्रामीण मृतिका महिला का शव सुबह से दोपहर 1 बजे तक शव ग्रह में पीएम के लिए रखा रहा।जहाँ जानकारी लेने पर परिजनों ने बताया कि शासकीय अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने से शव का पीएम करने में देरी कि गई थी। वही दोपहर बाद आगर से महिला चिकित्सक के आने के बाद ही मृतीका के शव का पुलिस की मौजूदगी में पीएम किया गया। ये एक बार नहीं पहले भी परेशानी हुई हे।जहाँ बुधवार को महिला चिकित्सक़ नहीं होने से परिजन एवं पुलिस प्रशासन परेशान होता रहा।
बता दे की शासकीय अस्पताल बड़ोद पर पिछले कई महीनों से महिला चिकित्सक नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को अपने इलाज हेतु बड़ोद से 26 किलोमीटर दूर जिला चिकित्सालय आगर जाना होता है। बड़ोद के सरकारी अस्पताल मे कहने को तो 4 से 5 डॉक्टर है। लेकिन प्रतिदिन ड्यूटी टाइम सिर्फ एक या दो डॉक्टर ही अस्पताल मे दिखाई देते हे। कहने मे बीएमओ ऑफिस भी यही हे। लेकिन अस्पताल मे किस किस डॉक्टर कि नियुक्ति हे। और कौन डॉक्टर किस समय रहता हे। अस्पताल मे ड्यूटी डॉक्टर की सूची भी चस्पा नहीं कर रखी। अगर कोई जानकारी भी लेना चाहे तों वही गेट पर पुराने बीएमओ का नाम आज तक अंकित है। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हे। कुछ दिन पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया गया था। लेकिन इन जन समस्याओं की ओर जिला चिकित्सा अधिकारी का ध्यान केंद्रित नहीं हुआ। सिर्फ निरीक्षण की खाना पूर्ति कर वापस चले गए। बता दे की अस्पताल सुबह 9 बजे खुल जाता है। लेकिन ब्लॉक बीएमओ 1 से 2 घंटा देरी से ही अस्पताल पहुंचते हैं। ये एक दिन का नहीं प्रतिदिन ऐसा ही नजारा देखा जा सकता हे। वरिष्ठ नागरिकों का कहना हे कि जिम्मेदार अधिकारी को समय पर पहुंचना चाहिए।
बीएमओ डॉक्टर विवेक पुलिया का कहना हे कि महिला चिकित्सक के लिए हमने वरिष्ठ अधिकारियो को पत्र भेज कर मांग की है।