सुसनेर मे पहली बार शाही सवारी और जन्माष्टमी एक दिन

 

 

संवाददाता अक्षय राठौर

सुसनेर। पहली बार नीलकंठेश्वर महादेव का शाही भ्रमण और भगवान कृष्ण सहित अनेक मंदिरो मे प्रभु के जन्मोत्सव की धूम रहेगी। 26 अगस्त सोमवार को शाही सवारी निकलेगी और नगर मे 26 व 27 अगस्त को जन्माष्टमी का उल्लास होगा। वैसे तो भादो के सोमवार व श्री कृष्णा जन्माष्टमी का संयोग 72 साल बाद बन रहा है पर शाही सवारी आज से 60 वर्ष पहले शुरुआत भादो के सोमवार पर निकलती आ रही है। इसके पूर्व शाही सवारी सावन के अंतिम सोमवार पर निकलती थी। शाही सवारी की इस परम्परा का इस वर्ष 61 वा वर्ष है। पंडित प्रवीण भट्ट, बालाराम व्यास, विजय शर्मा, ओम प्रकाश जोशी, रमेश शर्मा माणा, परमानंद जी प्रधान बामनिया खेड़ी का कहना है की भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त 2024 सुबह 03:40 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 अगस्त 2024 सुबह 2:19 पर होगा!जिस दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र रात को 12:00 बजे मिलेंगे उसी दिन कृष्ण जन्म उत्सव मानाया जाएगा ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पालन 26 अगस्त 2024, सोमवार के दिन किया जाएगा।

*कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त:-*

रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा ऐसे में पूजा के लिए 45 मिनट का समय मिलेगा इस विशेष दिन पर मध्य रात्रि का क्षण 27 अगस्त रात्रि 12:25 पर है और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 12:00 से रात्रि 12:45 के बीच रहेगा। वही व्रत का पारण 27 अगस्त सुबह 5:55 के बाद किया जा सकेगा।
श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र मास कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था।
इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त रात्रि 9 बज कर 47 मिनट पर प्रारंभ होगा जो 27 अगस्त दोपहर 3 बचकर 37 मिनट तक रहेगा।

*शाही सवारी परम्परा का 61 वां वर्ष:-*

शाही सवारी निकालने की परम्परा का इस वर्ष 61 वां वर्ष है और इसी थीम पर सवारी का प्रचार जोरो से किया जा रहा है। 26 अगस्त सोमवार को सुबह साढ़े 5 बजे नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में महारुद्राभिषेक किया जाएगा। उसके बाद श्रृंगार आरती, साढ़े 11 बजे महादेव के मुखोटे की पूजन अर्चन कर पालकी में विराजित किया जएगा। साढ़े 12 बजे चौसठ माता मन्दिर में महाआरती कर शाही सवारी शुरू होगी। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए रात 8 बजे वापस मेला ग्राउंड स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पहुँचेगी। जहाँ महाआरती कर महाप्रसादी वितरित की जाएगी। इस दौरान नगरवासियों द्वारा जगह-जगह महादेव का पूजन अर्चन कर पुष्प वर्षा व स्वल्पाहार से सवारी का स्वागत भी किया जाएगा। आयोजन को लेकर पूरे नगर को बेनर पोस्टर व तोरण द्वार से दुल्हन की तरह सजाया जाएगा।

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