जिला न्यायालय व तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का हुआ आयोजन

 

आगर – मालवा, 14 सितंबर। जिला मुख्यालय आगर-मालवा तथा तहसील मुख्यालय सुसनेर एवं नलखेड़ा न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशों के अनुरूप शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला न्यायालय परिसर में मध्यस्थता कक्ष में सादगी पूर्ण समारोह में माँ सरस्वती एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलनकर, प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगर मालवा रवीन्द्र सिंह कुशवाह द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती शिवानी शर्मा, द्वारा लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
जिला न्यायाधीश / समन्वयक नेशनल लोक अदालत  अमर कुमार शर्मा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आगर-मालवा की स्थापना पश्चात आयोजित प्रथम लोक अदालत में सभी उपस्थित जनों से लोक अदालत को सफल बनाये जाने की अपील की गयी।
अध्यक्ष अधिवक्ता संघ  सुरेन्द्र मारू द्वारा लोक अदालत कि सफलता में अधिवक्ता की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा सभी को लोक अदालत एवं हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी गईं व लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु प्रेरित किया गया।
इस अवसर पर  अमर कुमार शर्मा, जिला न्यायाधीश,  मधुसूदन जघेल द्वितीय जिला न्यायाधीश,  वरूण कुमार शर्मा, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, आगर-मालवा, हेमन्त मेहरा व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड आगर-मालवा,  भूपेन्द्र सिंह कुशवाह व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड आगर-मालवा, सुश्री चाहना शर्मा, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड आगर-मालवा, सुश्री मोनिका यादव व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड आगर-मालवा सहित अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र मारू, अग्रणी बैंक मैनेजर, बैंक शाखा प्रबंधक, अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण, पत्रकारगण ने सहभागिता की।
प्रधान जिला न्यायाधीश  कुशवाहा जिला न्यायाधीश द्वारा समन्वयक लोक अदालत श्री अमर कुमार शर्मा के साथ जिला स्थापना पर गठित सभी लोक अदालत की खंडपीठों में जाकर कार्यवाहियों का अवलोकन किया गया। नेशनल लोक अदालत की कुल 12 खंड पीठों में न्यायालय के लंबित 7960 प्रकरणों को रखा गया था । जिनमें से 354 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 975 व्यक्ति लाभान्वित हुए तथा 1 करोड़ 52 लाख 97हजार 807 रूपये की सेटलमेंट राशि जमा हुई। नेशनल लोक अदालत में कुल 6539 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गए थे,। जिनमें से 202 प्रकरण निराकृत हुए। करीब 31 लाख 75 हजार रुपए की वसूली की जाकर 199 व्यक्ति लाभान्वित हुए। न्यायाधीशों के सकारात्मक प्रयासों से नेशनल लोक अदालत में कई उजड़े हुए घर दोबारा बसे।

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