आगर – मालवा, 21 सितम्बर। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा जिला आगर मालवा अंतर्गत शुक्रवार को कृषक वैज्ञानिक संवाद हुआ । शासन की योजनाओं का कृषक अधिक से अधिक आगे आकर लाभ उठाएं, किसान क्रेडिट कार्ड का पशुपालक उपयोग करें ,दूध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु दुधारू गो भेस वंश को पाले तथा पशुपालन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं, यह उद्गार मप्र गौ संवर्धन बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी तथा बोर्ड मेंबर राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर डॉ प्रवीण शिंदे ने व्यक्त किए। उसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉक्टर ए के दीक्षित ने किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र की भूमिका और केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया तथा विभिन्न नई-नई किस्म के बारे में तथा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन , साथ ही किसानों के लिए आगामी रबी सीजन की तैयारी शुरू हो गई है। इस सीजन में गेहूं की उन्नत किस्मों पर मुख्य रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। आगामी रबी फसलों के लिए गेहूं, सरसों, चना, मेथी, मसूर, जौ, बरसीम, जई और मक्का की उन्नत किस्मों के बीज खरीदें की जानकारी दी गई । परियोजना संचालक आत्मा विजय चौरसिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा को बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में कृषक एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच आपस में एक दूसरे का संवाद करना रहता है इसमें किसान भाई अपनी खरीफ फसलों की कटाई तथा भंडारण में सावधानियां तथा रबी फसलों में किस प्रकार से तैयारी कर सकते हैं इसके बारे में किसानों की समस्याओं का समाधान हुआ। अभी खरीफ की फसल पकने वाली है इस सीजन का अंतिम समय चल रहा है कुछ दिन बाद सोयाबीन मक्का मूँगफली की फसल कट जायेगी और किसान अपने काम को जल्दी निपटाने में व्यस्त रहेंगे तथा उसी के साथ रबी की फसल की बुवाई की तैयारी करने लग जायेंगे, बहुत सारे किसानों के बुवाई करनी है हमे उस फसल की खेती करनी है कौन सा बीज लेवे ओर कब बुवाई होगी तो में यही कहना चाहूँगा की सबसे पहले आप अपने आस पास के एरिया और जमीन के हिसाब से बीज का चयन करें क्योंकि उन्नत किस्म का बीज होना ही काफी नही है उस बीज का आपकी जमीन ओर आपके क्षेत्र के अनुकूल होना भी जरूरी है आप सबसे पहले अपने आस पास के क्षेत्र में स्वयं जाकर देखे या अपने आसपास के अच्छे किसान साथियों की मदद सलाह लेवे उसके उपरांत ही बीज का चयन करें ताकि आपका फायदा हो। साथ ही उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया ने जिले के किसानों से आग्रह किया कि गेहू फसल में 5 किलोग्राम के हिसाब से जिंक सल्फेट डाले तथा लाईन से लाईन 22.5 CM दुरी तथा पोधे से पोधे की 5-10 CM दुरी रखे तथा छिड़कवा विधि से न बोये दलहनी तिलहनी फसलो में 5 किलोग्राम बीघा बेंटोनाईट सल्फ़र का उपयोग अवश्य करे । रबी फसलों की तैयारी के लिए अभी से खाद उर्वरक का अग्रिम उठाव कर भंडारण कर ले, जिससे कि बाद में समस्या ना आए। उपसंचालक पशुपालन डॉ. एचवी त्रिवेदी ने पशुपालन की योजनाओं का लाभ लेने की बात कही तथा डॉक्टर पवार ने अजोला के उपयोग तथा बहू वर्षीय चारे की खेती के बारे में पशु बीमा के बारे में बताया गया। उपसंचालक उद्यानिकी एसके राठौर ने उद्यानिकी योजनाओं की जानकारी के साथ-साथ प्रधानमंत्री खाद्य सूक्ष्म उन्नयन योजना PMFME का भी जिले के किसान भाइयों से आगे आकर लाभ लेने की बात कही है कार्यक्रम में जिले के उपस्थित उन्नत शील किसान कृषि वैज्ञानिक डा सुरुचि सोनी, बीटीएम वेदप्रकाश सेन, रामसिंह ठाकुर, सोलीडराइड से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जगत डावर, बी एल निनामा, कृषि विस्तार अधिकारी दीपक कुल्हार,अशोक,पप्पू राजोरिया, जीवन राठौर,राहुल पटेल,नारायण जाट,कुलदीप,राघव सहित एफ पी ओ,किसान एवम अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन बीटीएम वेदप्रकाश सेन ने किया।