आगर-मालवा, 16 अक्टूबर/शासन निर्देशानुसार 25 अक्टूबर से समर्थन मूल्य पर होने वाले सोयाबीन उपार्जन के लिए सभी तैयारियां की जाए, केन्द्रों पर उपार्जन संबंधी सभी संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था करें, जिससे उपार्जन का कार्य सुगमता से किया जा सकें, यह निर्देश कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में उपार्जन संबंधी विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर दिए। कलेक्टर ने कहा कि सोयाबीन उपार्जन में शासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए, कृषकों से एफएक्यू सोयाबीन ही क्रय करें, केन्द्रों पर सोयाबीन बेचने आने वाले कृषकों के लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिले के सभी किसानों का पंजीयन निर्धारित अवधि करवाए, पंजीयन की अंतिम तिथि का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे की कृषक अंतिम तिथि से पूर्व अपना पंजीयन करवा सकें।
विदित हो कि खरीफ वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उर्पाजन हेतु किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर 2024 है, पंजीकृत किसानों से सोयाबीन उपार्जन 25 अक्टूबर से किया जाएगा। शासन द्वारा सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए निर्धारित किया गया। कृषकों से फेयर एवेरज क्वालिटी का सोयाबीन क्रय किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त निर्देशित किया कि खरीदी केन्द्रो पर किसानों को सोयाबीन विक्रय उर्पाजन में अधिक समय न लगे इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जावे साथ ही खरीदी केन्द्रो पर किसानो की सुविधा के लिये छायापानी तथा आवश्यक अनिवार्य व्यवस्था की जाए।
कलेक्टर सिंह ने समस्त तहसीलदारो को निर्देश दिये गये कि समय पर रकबे का सत्यापन कराना सुनिश्चित करे एवं पूर्व से गोदामो में भण्डारित सोयाबीन का सत्यापन सोयाबीन उपार्जन समिति अनिवार्य रूप से कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करे। साथ ही निर्देशित किया कि सोयाबीन उपार्जन वास्तविक किसानों से ही किया जाए, अगर कोई वास्तविक किसान के अतिरिक्त अगर कोई उपार्जन या विक्रय करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करें। साथ ही समिति प्रबंधको निर्देशित किया है कि जो भी आपके ओवरड्यूस सदस्य है उनसे रिकवरी इस सप्ताह करना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि जिले में पर्याप्त खाद उपलब्ध है, उर्वरकों का वितरण पीओएस मशीन से ही करवाया जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उर्वरक शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर ही कृषकों विक्रय किया जाए, निर्धारित मूल्य से अधिक राशि लेने की शिकायतें प्राप्त होने पर संबंधित विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही करें।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हरसिमरनप्रित कौर ने निर्देश दिये कि सोयाबीन उर्पाजन निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही किया जाए एवं अन्य पेरामीटर भी निर्धारित मानक अनुसार ही होना चाहिये। उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया एवं नाफेड के एएफई श्री शिवकुमार यादव ने बैठक में प्रशिक्षण में जानकारी देते हुए बताया कि उपार्जन में पेरामीटर की परिभाषाएं, विदेशी पदार्थों और अशुद्धियों में धूल, गंदगी, पत्थनर एवं मिट्टी के ढेर, भूसा, तना/भूसा या शामिल हैं, कोई अन्य अशुद्धता, सिकुड़ी हुई और अपरिपक्व फलियों जो सिकुड़ी हुई हों, आकार से बाहर हों, या पूरी तरह से परिपक्व न हुई हों या विकसित होते हैं और अक्सर रंगहीन हो जाते हैं, क्षतिग्रस्त एवं धुन लगी फलियों से तात्पर्य ऐसी फलियों या उनके टुकड़े से है, जिनमें अंकुर आ गए हैं या जो गर्मी, नमी, कीटों या सूक्ष्मजीवों के कारण अन्दर से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, यांत्रिक रूप से क्षतिग्रस्त फलियों का अर्थ है फटे, टूटे और दरारयुक्त बीज आदि पैरामीटर का प्रशिक्षण दिया गया।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री आर.पी.वर्मा सहित कृषि, सहकारिता, सहकारी बैंक, खाद्य आपूर्ति, मार्कफेड, वेअर हाउस आदि विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।