बाल विवाह एक अभिशाप है, इससे समाज को मुक्त बनाना है- परियोजना अधिकारी चौबे |

सेवा प्रदाता अपनी सेवाएं प्रदान न कर, बाल विवाह की सूचना दें
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत् विकास खण्ड स्तरीय कार्यशाला हुई
आगर मालवा – बाल विवाह एक अभिशाप है, इससे समाज को मुक्त बनाना के लिए निरंतर प्रयास एवं सभी की जागरूकता जरूरी है, टेंट, हलवाई, पूजारी आदि सेवा प्रदाता अपनी सेवा बाल विवाह में अपनी सेवाएं नहीं दे, विवाह आयोजन में सेवाएं देने से पहले लड़की की उम्र 18 वर्ष एवं लड़के की उम्र 21 वर्ष है की जानकारी लेकर सेवाएं प्रदान करें, यह बात कलेक्टर  राघवेन्द्र सिंह के निर्देशन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत बाल विवाह रोकथाम एवं जागरूकता अभियान अंतर्गत विवाह कार्यक्रम में विभिन्न सेवाएं प्रदान करने वाले सेवा प्रदाताओं की सामुदायिक भवन वार्ड-19 आगर में आयोजित विकास खंड स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए परियोजना अधिकारी मनीषा चौबे ने कही।
 चौबे ने कार्यशाला में उपस्थित सेवा प्रदाताओं को विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विषय वस्तु ,दंड के प्रावधान एवं बाल विवाह रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विवाह की वैधानिक उम्र वधू के लिए 18 वर्ष पूर्ण एवं वर के लिए 21 वर्ष पूर्ण होना जरूरी है, सेवा प्रदाताओं को किसी भी विवाह कार्यक्रम में सेवा प्रदान करने से पहले ये सुनिश्चित करना चाहिए कि यह बाल विवाह की श्रेणी का विवाह तो नहीं है। विवाह की वैधानिक उम्र पूर्ण होने के पश्चात की कार्यक्रम में सेवा प्रदान करें अन्यथा ऐसे किसी भी विषय की सूचना महिला बाल विकास विभाग ,पुलिस विभाग ,अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय दें।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग की मीन गोयल, सरिता नवरंग, कृष्णा कमरिया द्वारा बाल विवाह के संबंध में जागरूक किया गया। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि नरवल, सेवा प्रदाता पूजारी, टेंट व्यवसायी ,हलवाई,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आदि उपस्थित रही।
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