कलेक्टर द्वारा जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु दल का गठन |
आगर मालवा
कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने जिले में अक्षय तृतीया एवं अन्य विवाह मुहूर्तो में बाल विवाह रोकने हेतु एसडीएम की अध्यक्षता में अनुभाग स्तरीय दलों का गठन किया गया।
जारी आदेशानुसार बाल विवाह रोकने हेतु गठित दल में संबंधित तहसीलदार, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, खण्ड़ चिकित्सा अधिकारी, खण्ड षिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक को शामिल किया गया है। यह दल बाल विवाह की निगरानी रखेगा तथा बाल विवाह की जानकारी मिलने पर रूकवाने की कार्यवाही करेगा। साथ ही वैवाहिक कार्यक्रमों में सेवाएॅ देने वाले मैरिज हॉल टैंट व्यावसायी, बैंड़-बाजा कैटर्स, प्रिंटिंग प्रेस आदि सेवा प्रदाताओं को उम्र संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त कर परिक्षण के उपरान्त ही विवाह में सेवायें देने हेतु निर्देषित करेगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने मैरिज हॉल, टैंट आदि सेवा प्रदाताओ एवं धर्म गुरूओं से अपील की है कि बाल विवाह आयोजनों में अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करें। अपनी सेवाएं देने से पूर्व वर-वधू की उम्र की जानकारी लेकर लें। यदि बाल विवाह होना पाया जाता है तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजन मे कार्यरत सभी व्यक्तियों पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के प्रावधान अनुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी। बाल विवाह कानूनी अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार विवाह के लिए युवती की उम्र 18 वर्ष एवं युवक की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम आयु की षादी बाल विवाह की श्रेणी में आते है।
नागरिकों से भी अपील है कि बाल विवाह होने की जानकारी संज्ञान में आने पर इसकी सूचना दे, सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा । बाल विवाह की षिकायत पुलिस थाना, चाइल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098, महिला हेल्पलाईन 181, पर की जा सकती है।