कानड़। जिले का एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जहाँ आने के बाद मरीज को सुकून की अनुभूति होती हे। जहाँ पर विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे होने से हर कोई उनकी और खींचा चला आता हे। स्वास्थ केंद्र परिसर मे आने वाले मरीजों के परिजन अपने मोबाईल मे खुद की फोटो के साथ हरे भरे पौधों के साथ अपनी सेल्फी जरूर लेते हे। परिसर मे हर्बल गार्डन होने से पुरे समय खुशबु महकती हे।गर्मी के दिनों मे आने वाले मरीज नीम की छाव मे आराम करने के साथ, शीतल हवा का आनन्द भी लेते हे। इस पुरे परिसर को हराभरा कर हर्बल गार्डन बनाने मे तत्कालीन बीएमओ यशवंत नायक,डॉ शोभा पाटीदार, डॉ, अर्पित जैन, डॉ कृष्णा वर्मा, मनीष शर्मा और स्टॉफ की अहम भूमिका रही,
दो बार जीता अवार्ड – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प में दो बार जितने के बाद, अब एनक्वास अवार्ड जितने की पूरी तैयारी में है।फिल हाल स्वास्थ्य केंद्र कई समस्याओं से भी जूझ रहा है। जिसमें अहम मुद्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन को लेकर हे। रोगी कल्याण समिति के सदस्य व पार्षद दरबार सिंह आर्य ने बताया की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन के लिए कई बार जिला कलेक्टर और प्रदेश सरकार को अवगत करवाया है इसके बाद भी 84 गांव को जोड़ने वाला केंद्र अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
गंदगी पर लगता हे दंड – बीएमओ महेश निगवाल ने बताया की डॉक्टर और स्टॉफ नर्स मालती नागले, सरोज, चेतना निगम, सीमा, भावना, सचिन, भगवान सिंह डगवाल, विष्णु प्रसाद,गोविन्द पाटीदार,
रविंद्र, शांति, ममता, धर्मेन्द्र, रामबाबू,लोकेन्द्र चौधरी, रुखमा,ओमप्रकाश गौसर की कड़ी मेहनत से हर्बल गार्डन बना है। आगे भी हमारे प्रयास रहेंगे किस में और अधिक पौधे लगाए जाए। आगे कहा की स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बीड़ी सिगरेट तंबाकू सेवन करने वालों पर प्रतिबंध है तो वही परिसर में हर्बल गार्डन के साथ फूलदार पौधों में नुकसान और बंदगी करने पर दौसो रूपए का दंड का प्रावधान भी है।