मोहन बड़ोदिया। शाजापुर जिले के गाँव मोहन बड़ोदिया में मध्यप्रदेश का पहला आर्य समाज का कन्या गुरुकुल, जो महर्षि दयानंद कन्या गुरुकुल के नाम से स्थापित है। गुरुकुल की स्थापना वर्ष 2019 में गई थी। यहां गुरुकुल में वेदो के अध्यन के अलावा, शस्त्र और शास्त्र कि शिक्षा भी कन्याओ कि दी जाति हे।
गुरुकुल में तीन दिनों तक आयोजित वार्षिक उत्सव बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया।
बालिकाओं ने दी प्रस्तुति – कन्या गुरुकुल कि बालिकाओं ने गीत भजन, सर्वांग सुंदर व्यायाम, जूडो कराटे, लाठी चलाना जैसी कलाओ का प्रदर्शन किया। जा मौजूद आम जनों ने कन्याओं के द्वारा दी गई प्रस्तुतियों पर दांतो तले उंगलियां दबा ली।
सांसद भी पहुंचे
27 से 29 दिसंबर तक चले गुरुकुल के वार्षिक उत्सव में मध्यप्रदेश के अलावा अलग अलग प्रांन्तो से बड़ी संख्या में आर्य जन उपस्थित हुए।
शनिवार कों राजगड़ के सांसद रोडमल नागर के साथ आगर जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष चिंतामण राठौर और अन्य भी गुरुकुल के वार्षिक उत्सव में शामिक हुए।
आपको बता कि महर्षि दयानद कन्या गुरुकुल में 40 से अधिक बालिकाएं अध्यन, इस समय कर रही हे। जिन्हे रहने, खाने और पड़ाने कि जुम्मेदारी गुरुकुल समिति कि हे। जो दान स्वरुप राशि लेकर बालिकाओं कों उच्च शिक्षा देने का काम करती हे।
वर्ष 2019 में गुरुकुल कि स्थापना कि गई थी। ज़ब से प्रति वर्ष गुरुकुल समिति वार्षिक उत्स्व मनाती हे। जहा आसपास क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाए और आर्य समाज से जुड़े लोग कार्यक्रम में शामिल होते हे।
कन्या गुरुकुल के वार्षिक स्थापना दिवस के कार्यक्रम में गुरुकुल कि कन्याओ ने गीत, गजल और भजनों से सब का मन मोह लिया।
उक्त आयोजित कार्यक्रम में मालवा क्षेत्र के भीष्म पितामाहा कहे जाने वाले, और आर्य समाज के विद्वान पंडित काशीराम आर्य, अनल ने भी सुन्दर भजनो कि प्रस्तुती दी
तीन दिनों तक आयोजित कार्यक्रम में उच्चन्यालय के जस्टीज वीडी ज्ञानी,नंदिता शास्त्री, प्रवीण विद्याअलंकार,
समापन के दौरान मंच पर मौजूद रहे। जहा गुरुकुल समिति ने उनका सम्मान किया।
साथ ही इंदौर आर्य समाज से आए चेन सिंह आर्य का भी समिति ने मंच पर स्वागत कर सम्मान किया।गुरुकुल के वार्षिक उत्सव में मध्यभारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान प्रकाश आर्य ने कहा कि गुरुकुल कों दान से ही चलाया जाता हे। इसलिए दान देना वाला कितना बड़ा दानी हे ये नहीं देखा जाता, ये देखा जाता की उसका मन कितना बड़ा हे आयोजित गुरुकुल के कार्यक्रम में नर्मदापुरम के आर्ष गुरुकुल में पड़ने वाले एक ब्रह्मचारी ने अपने ओजस्वी वक्ता के रूप में कहा कि आधुनिक भारत,और प्राचीन भारत में आज क्या अंतर हे। साथ ही कहा कि आर्यवर्त का नाम भारत से इण्डिया कैसे हुआ,कम उम्र के उजस्वी वक्ता कों सुन कर सब अचंभित रह गए
गुरुकुल के स्थापना दिवस के वार्षिक आयोजन में आर्य साहित्य भंडार, जहा वेद, उपनिषद, आर्य समाज और धर्म पर आधारित पुस्तके स्टॉल पर मिल रही थी।साथ ही आखरी दिन गुरुकुल में भोजन प्रसादी का आयोजन भी हुआ।
पुरे कार्यक्रम का संचालन आर्य ललित नागर उज्जैन ने किया और आभार गुरुकुल समिति सदस्य दरबारसिंह आर्य ने माना। कार्यक्रम में मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान प्रकाश आर्य,सभा मंत्री अतुल वर्मा, मंत्री लक्ष्मण आर्य उज्जैन, कोषाध्यक्ष वेद प्रकाश आर्य, उपमंत्री दरबार सिंह आर्य, गुरुकुल अधिक्षिका रिचा शास्त्री, संस्थापक सदस्य काशीराम अनल थे।उक्त कार्यक्रम में आमंत्रित विद्वान में डॉ नंदिता शास्त्री चतुर्वेदा पाणिनी महाविद्यालय वाराणसी, प्रवीण विद्या अलंकार वैदिक प्रवक्ता लखनऊ, साथ ही आमंत्रित अतिथि गणों में आर्य जितेंद्र भाटिया दिल्ली, रोडमल नागर सांसद राजगढ़लोक सभा , निवृत्तमान न्यायाधीश वीरेंद्र दत्त ज्ञानी कार्यक्रम में मौजूद थे।