आगर मालवा। विगत दिनों रतलाम जिले में पदस्थ संविदा कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अनिता गरवाल एवं साथी एएनएम ड्यूटी पर जाते समय दुर्घटना की शिकार हो गए थे।जहाँ एएनएम की दुर्घटना के समय ही मृत्यु हो गई। वही अनिता गरवाल बॉम्बे हॉस्पिटल इंदौर में उपचारत हे।
परिजन के अनुसार अभी तक अनिता के दो ऑपरेशन हो चुके, लेकिन स्थिति गंभीर हे।
नही हे किसी प्रकार की सरकारी सुविधा – अनिता गरवाल लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ हे। संविदा कर्मचारी होने के कारण किसी भी प्रकार की शासकीय योजना का लाभ नही मिलता।
संविदा कर्मी मदद के लिए आए आगे – सरकार की उपेक्षा से परेशान एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने साथी की मदद के लिए आगे आए आगर जिले में पदस्थ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो ने थोड़ी थोड़ी राशि इकट्ठा कर 21 हजार की आर्थिक सहायता दी हे।
नही मिला संविदा नीति 2023 का लाभ– मध्यप्रदेश शासन ने विधानसभा चुनाव से पूर्व संविदा कर्मचारियो के लिये संविदा नीति 2023 बनाई थी।परन्तु अभी भी संविदा नीति 2023 की नीति के अनेक बिन्दुओ का लाभ संविदा कर्मचारियों को नही मिल संघठन के ज़िला अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा की सरकार वादे करती हे। लेकिन निभाती नहीं, हम से चुनाव से पूर्व अनुकम्पा नियुक्ति, स्वास्थ्य बीमा, एनपीएस, ग्रेज्यूटी आदि नीति बनने के वादे किए लेकिन नहीं बनाए गए इस करना बाद कई साथी मौत के मुह में समा गए। उन्होने यह भी कहा की विगत दिनों आरबीएसके अंतर्गत कार्यरत फार्मासिस्ट मनोज परमार जिला सीहोर की मृत्यु हो गई थी उनके परिवार को भी कोई विशेष सहायता नही मिल पाई।नीतिया तो बनी परन्तु लाभ नही संविदा कर्मचारि अल्प वेतन पर बिना किसी सुरक्षित भविष्य, बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के सरकार का काम करने वाले संविदा कर्मचारीयो के लिये विधानसभा चुनाव 2018 से पूर्व संविदा नीति 2018 बनाई गई।परन्तु लाभ नही मिला, वही 2023 में फिर संविदा नीति बनाई,उसका भी पूर्ण लाभ नही मिला। इस से साफ होता हे की कर्मचारियों का सिर्फ उपयोग किया जा रहा हे।
राकेश चौहान डीपीएम एनएचएम ने कहा की शासन द्वारा संविदा कर्मचारियों के हित में संविदा नीति तो बनाई,परन्तु नीति के अनेक बिंदु लागु नही होने से आज भी संविदा कर्मचारी आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान हो रहे है।”
राकेश पड़ीहार जिला मंत्री भारतीय मजदूर संघ ने कहा की
अल्प वेतन असुरक्षित भविष्य एवं बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के सरकार के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे है। सरकारी नीतियाँ सिर्फ कागज पर ही सिमित रह गई
जानकरी फोटो -संघठन के ज़िला अध्यक्ष मनीष शर्मा के द्वारा दी गई।