मध्यप्रदेश यु. कां प्रदेशाध्यक्ष डॉ. भूरिया ने लिखा महामहिम राष्ट्रपति और प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को पत्र, प्रताड़नावश निलंबित आदिवासी शिक्षक राजेश कनौजे को बहाल किए जाने हेतु की हस्तक्षेप की मांग
भोपाल । मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को बड़वानी के शिक्षक को निलंबित के मामले में पत्र लिखा ही , उन्होंने अपने भेजे गए में उल्लेख किया है कि आप दोनों ने ही देश एवं प्रदेश के इस सर्वोच्च पद पर आसीन होकर आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया है जिसकी यह समाज अनुभूति भी कर रहा है। वहीं,आपने यह भी उल्लेख किया की राहुल गांधी ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के रूप में एक जन आंदोलन कर रहे हैं,जिसका मात्र उद्देश्य विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ देश को एकजुट करना है पत्र में लिखा कि वहीं, मध्यप्रदेश की सरकार प्रदेश में आदिवासी वर्ग के शासकीय कर्मचारियों को दुर्भावनावश उन्हें प्रताड़ित करने का कार्य कर रही है। राजेश कनौजे जो मध्यप्रदेश के जिला बड़वानी के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक होने के अलावा दो दशकों से एक आदिवासी अधिकार संगठन के नेता तथा कार्यकर्ता के रूप में अक्सर उत्पीड़ित वर्ग की आवाज उठाने की कोशिश करते रहे हैं।
आपने पत्र में लिखा राहुल गांधी जी विगत 07 सितम्बर 2022 से भारत जोड़ो पदयात्रा पर हैं। इस दौरान बीच-बीच में देश एवं प्रदेशों के विभन्न वर्ग एवं समुदाय के लोग उनसे मुलाकात कर रहे हैं। इसी बीच राजेश कनौजे द्वारा अपने इस आदिवासी समुदाय के लोगों की समस्याओं की तरफ ध्यान केन्द्रित करने हेतु अपने संगठन के अन्य साथियों सहित राहुल गांधी जी से भेंट कर प्रतीकात्मक रूप से उन्हें तीर-कमान सौंपा।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने इसे राजनैतिक नजरिए से देखकर राजेश कनौजे जो कि एक शासकीय सेवक के साथ ही आदिवासी समाज के कई सामाजिक संगठनों में पदाधिकारी भी हैं, जिन्हें अगले ही दिन निलंबित कर दिया गया। कनौजे ने एक सांसद के रूप में राहुल गांधी से मुलकात की, क्या किसी संगठन के पदाधिकारी का अपने संगठन की समस्याओं के संदर्भ में एक जनप्रतिनिधि का ध्यान आकर्षित करवाना अपराध है? आपने पत्र में लिखा कि आज भी स्वतंत्र भारत के संविधान में किसी समाज को अपनी बात रखने का अधिकार नहीं है? आपने लिखा कि प्रदेश की सरकार द्वारा शिक्षक कनौजे के निलंबन के निर्णय से राज्य में इस वर्ग के लागों को गहरी पीड़ा पहुँची है। सरकार का यह कृत्य उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
साथ ही प्रदेशाध्यक्ष डॉ.विक्रांत भूरिया ने राजेश कनौजे, शिक्षक प्राथमिक विद्यालय,फल्या कुंजरी जिला बड़वानी (म.प्र.) को महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय से उक्त प्रकरण में हस्तक्षेप कर अकारण कनौजे को सरकार द्वारा किए गए निलबंन को समाप्त करवाए जाने का अनुरोध किया।