आगर मालवा/ जिले के सुसनेर विकासखंड के ग्राम पायली निवासी प्रकाश चंद्र की 11 वर्षीय पुत्री अंतिम बाला पैरो से दिव्यांग है। वे कहते हैं कि उनकी बेटी पहले पूरी तरह से स्वस्थ थी एवं सामान्य लोगो की तरह हंसी खुशी अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रही थी, परंतु उनके पैर ने गठिया बाय बीमारी की वजह से काम करना बंद कर दिया था।उन्होंने बेटी का बहुत इलाज करवाया उज्जैन इंदौर के अस्पताल में दिखाया परंतु कोई असर नहीं हुआ। अंत में हताश होकर प्रकाशचंद्र उसे घर ले आए। वे कहते हैं कि बेटी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता था। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए किसी न किसी परिजन पर निर्भर रहना पड़ता है। जिला मुख्यालय पर आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर कैलाश वानखेड़े के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर प्रकाशचंद ने बेटी की समस्या से अवगत करवाया। कलेक्टर वानखेड़े ने जनसुनवाई में मौके पर ही अंतिम बाला को व्हील चेयर उपलब्ध करवाई। व्हील चेयर मिलते ही अंतिम बाला ने कहा थैन्क यू सर व्हीलचेयर मिलने से अब मुझे एक स्थान से दूसरे स्थान तक आने जाने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। बेटी को व्हील चेयर प्राप्त होने पर प्रकाशचंद ने प्रदेश सरकार तथा जिला कलेक्टर व सामाजिक न्याय विभाग का आभार व्यक्त किया।