दारा सिंह आर्य
आगर मालवा । कई दिनों से जिले में ये चर्चाएं चल रही थी की स्वास्थ्य विभाग की कोई बड़ी कार्रवाई जिले में झोलाछाप डॉक्टरो के ऊपर होगी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अपने कार्य में इतिश्री कर, ग्रामीण क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर ही पंचनामा बनाकर अपने कार्य के प्रति इतिश्री कर ली। मामला है जिले के कानड़ ब्लाक के अंतर्गत गाँव चांदनगाँव का जहां विगत दिनों स्वास्थ विभाग की टीम ने झोलाछाप डॉक्टर और पैथोलॉजी पर जांच की, जांच के दौरान कई डॉक्टर तो अपना क्लीनिक बंद कर मौके से रफू चक्कर हो गए। तों वही एक पैथोलॉजी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सील भी किया। चांदन गाँव में झोलाछाप डॉक्टरों की बात करें तो जो प्रैक्टिशनर है। उसमें एक बंगाली और आयुर्वेद की डिग्री लेकर प्रैक्टिस करता हुआ पाया गया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंचनामा भी बनाया। साथ ही उक्त डॉक्टरों को अपनी डिग्री के साथ मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय आगर पर बुलवाया गया।
आपको बता दे की इस प्रकार की स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई जिले में कई बार हो चुकी है। लेकिन कार्रवाई कागोजो तक की सीमित रही। फर्जी तरीके से क्लिनिको का संचालन कर रहे। कई प्रैक्टिशनर आज भी आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते दिखाई देंगे।
विगत दिनों जो कार्यवाही हुई वो जिले में अन्य जगह नहीं करते हुए मात्र औपचारिकता करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के आखिरी गांव को ही चुना।
लिपिक को बनाया नोडल अधिकारी — स्वास्थ विभाग में भी बड़ा झोल झाल है। यहाँ कार्यलय में लिपिक के पद पर कार्यरत कर्मचारी को ही नोडल अधिकारी का पद सोप दिया या यु कहे की अपने खास को ये पद दिया गया है।अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग ने जो कार्रवाई की है। वह कहां तक कारगर सिद्ध होती है। या फिर से इन्हे उपचार करने की चाबी सोप दी जाएगी।इस पूरी जानकारी को लेकर नोडल अधिकारी बनाए गए लिपिक मनोज शर्मा से बात करना चाहि तों अपना मोबाईल नहीं उठाया।
इनका कहना
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया की अलग अलग जगह पर जांच टीम ने झोलाछाप डॉक्टर और पैथोलॉजी की जांच कर 15दिवस में अपनी डिग्री डिप्लोमा और संपूर्ण दस्तावेज के साथ पंजीयन करवरकर, विभाग को अवगत करवाने को कहा है।अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।