गोमाता पशु अथवा जानवर नहीं वह सनातन का प्राण है-साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती

आगर मालवा  –  निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु आमजन में गोसेवा की भावना जागृत करने के लिए पुरानी कृषि उपज मण्डी प्रांगण आगर में 01मार्च शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ गो कथा प्रारम्भ हुई ।
गो कथा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए 31वर्षीय गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पद यात्रा के प्रणेता गोपालाचार्य स्वामी गोपाला नन्द जी की कृपा पात्र शिष्या साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती ने कहां कि लोग भगवती गोमाता जी को पशु या जानवर मानकर उसका तिरस्कार कर रहें है ,जबकि गोमाता तो सनातन धर्म की जान है क्योंकि इस संसार में केवल गोमाता ही है जिसके श्री विग्रह में 33कोटि देवी देवताओं का निवास है ।

साध्वी जी ने कहां कि मानव प्लास्टिक की थैली का उपयोग कर पर्यावरण को खराब करने के साथ साथ गो हत्या जैसे जघन्य अपराध का सहभागी बन रहा है ।त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने व द्वापर में श्री कृष्ण ने मानव जीवन में आकर भगवती गोमाता की सेवा की है और गो कथा सबसे पुरानी कथा है जिसका प्रमाण वराह पुराण में मिलता हैसाध्वी सरस्वती ने बताया कि गोमाता विपरीत परिस्थितियों को भी सुलभ बना देती है और आज के इस आपाधापी के युग में व रासायनिक खेती से उत्पन्न खाद्य पदार्थ का सेवन कर अनेक बीमारियों का शिकार बन चुका है और इन रोगों का निदान केवल गोमाता की शरण में जाने से दूर हो सकता है ।
गौसेवा के अनेकों लाभ मानव जीवन में है,उसी का विवरण 01मार्च से 07 मार्च तक पुरानी कृषि उपज मण्डी आगर में सायं 07बजे से रात्रि 10 बजे तक हो रही कथा में सुनने का अवसर मिलेगा ।
ज्ञातव्य हो कि आगर जिले में स्थापित एशिया के प्रथम गो अभ्यारण्य श्री कामधेनु गो अभ्यारण्य सालरिया में आगामी 09अप्रेल 2024 भारतीय नूतन वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मध्य प्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत में निराश्रित गो वंश के संरक्षण हेतु आमजन में गोसेवा की भावना जागृत करने के लिए “एक वर्षीय गो आराधना महामहोत्सव” रूपी एक भव्य एवं दिव्य आयोजन होने जा रहा है , उसी आयोजन की तैयारी के निमित्त आगर जिले के प्रत्येक नगर, कस्बे व ग्रामीण क्षेत्र में जनजागृति हेतु गोकथा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहें है ।

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