मिट्टी परीक्षण का प्रशिक्षण सम्पन्न मिट्टी जांच को आधार बनाकर संतुलित उर्वरको का खेती में करे उपयोग
आगर – मालवा | कृषि विज्ञान केन्द्र एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला आगर-मालवा के संयुक्त तत्वाधान में मृदा परीक्षण जागरूकता अभियान निरन्तर चलाया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत जिले के विकासखण्ड आगर के ग्राम पालखेड़ी में मृदा परीक्षण पर आधारित प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम डॉ.आर.पी.एस. शक्तावत वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र आगर ने कृषको को मिट्टी नमूना लेते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिये के बारे में बताया गया। जिसके बाद प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र, आगर डॉ. ए. के. दीक्षित ने मिट्टी नमूना किस प्रकार से लिया जाए जो भी किसान खरीफ फसल की तैयारी कर रहे है तो वे जरूर अपनी मिट्टी की जांच करा ले जिससे की मिट्टी में कौन-कौन से पोषक कितनी मात्रा में है तथा किन-किन तत्वों की कमी है पता चल जाएगा।
उपसंचालक कृषि विजय चौरसिया ने उपस्थित कृषको को जानकारी देते हुए बताया कि मिट्टी परीक्षण करवाना बहुत जरूरी है इससे आपके खेत की सही रिर्पोट मिलेगी की कौन सा पौषक तत्व कम या ज्यादा है आप सही मात्रा में उसी पौषक तत्व को डालकर अधिक से अधिक पैदावार ले पाएगे। गर्मी में खेत खाली होते ही मिट्टी की जांच अवश्य करवाए और धरती माता और पैसा दोनो बचाए- बेहतर फसल उत्पादन हेतु मिट्टी परीक्षण करवाना नितांत आवश्यक है जिले के कृषक समय समय पर मिट्टी का परीक्षण कर पोषक तत्वो के स्तर की जांच कर कृषि वैज्ञानिको के मार्गदर्शन में संतुलित मात्रा में खाद का उपयोग करें। जिस प्रकार से आप आयुष्मान कार्ड की उपयोगिता है उसी प्रकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड की भी है। इसे आप उसी प्रकार संभाल कर रखे। उसके अनुशंसित मात्रा के अनुसार उर्वरको का उपयोग करे। मिट्टी परीक्षण करवाने हेतु किसान अपने क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क कर मिट्टी परीक्षण करवाये।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ दीक्षित ने किसान के खेत पर जाकर मिट्टी नमूना कैसे लिया जाता है उसे प्रत्यक्ष में बताया। कार्यक्रम में आसपास के ग्राम के मुख्य रूप से 40-50 कृषक, महिला कृषक एवं विकासखण्ड आगर के समस्त अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बी.टी.एम. वेदप्रकाश सेन ने किया।