कानड़। आए दिनआपको सुनने मे आया होगा की किसी का बिल 10 हजार तो किसी के 20 हजार तो किसी का 50 हजार वो भी कम रीडिंग पर, ऐसा इस लिए की शायद विभाग ने इन्हे टारगेट दिए हो अधिक बिल देकर राशि वसूल करने का,कुछ ऐसा ही हो रहा हे। इन दिनों विद्युत विभाग मे, हाल ही मे कानड़ के वार्ड 09 मे निवास रत देवेंद्र अग्रवाल के साथ जिन्होने अधिक बिल आने की शिकायत सीएम हेल्फ लाइन पर की थी। जिन्हे पहले तो डराया की तुम्हे जो बिल मिला हे वो भरना ही पड़ेगा। अग्रवाल ने विभाग के कनिष्ठ यंत्री मुकेश कुमार से ऑफिस मे जाकर बात की तो वहा से भगा दिया। बोर कहा की कही से उधार लेकर आओ,जिसके बाद विभाग के कर्मचारी गरीब परिवार के घर की बिजली भी काट गए और कहा की शिकायत की तो अब मुख्यमंत्री ही तुम्हारी लाइट जुड़वाएंगे। करीब 15 दिनों से बंद घर की बिजली मे अब अकेला व्यक्ति अंधेरे मे रह रहा हे। 50 हजार के बिल के बाद विभाग ने ताबड़ तोड़ बिल मे सुधार तो किया, लेकिन फिर भी जो होना वो नहीं कर, वसूली को लेकर देवेंद्र पर दबाव बनाया जा रहा हे। यहां तक की विभाग के कर्मचारी अग्रवाल को यह भी कह कर गए की अपने मीटर की रीडिंग को बड़ाना हे। ज़ब की घर मे दो एलएडी बल्फ ही हे। न तो टीवी हे. न फ्रिज, न पंखा न कूलर, फिर कैसे आदमी रीडिंग बड़ाए। ऐसे मे ये बात अब हजम होती नहीं दिखाई दे रही हे। अब ज़ब हितग्राही विभाग के अधिकारी के पाँस अपनी पीड़ा लेकर पंहुचता हे तो वहा पर भी सुनवाई नहीं की, और कहा की ज़ब तक शिकायत बापस नहीं लेगा तब तक तेरी लाइट नहीं जुड़ेगी। आखिर इस पुरे घटना क्रम मे किसकी गलती हे।? यहां सरकारी अमला अपनी मर्जी से चल रहा और इधर सरकार कहती हे की सब आल इज वेल हे। साथ ही ज़ब शिकायत की बात आई तो अधिकारी भी बंगला झाकने लगे हे। खेर जो भी हो लेकिन अब क्या एक गरीब जो एक रुपय किलो के भाव के सोसायटी से गेहूं लाकर अपना जीवन यापन करता हे। ऐसे मे कैसे भारी भर कम बिजली का बिल चुकाए। इधर विभाग के सुपरवायजर मुकेश कुमार का कहना हे की राशि कम कर दी गई हे। बाकि मे दिखवात हूँ।
शुक्रवार को देवेंद्र अग्रवाल ने अंधेरे मे खाना बनाया और बीमार भी चल रहे हे।
ब्यूरो रिपोर्ट