क्षमा देने के लिए वीर बनना पड़ता है जैन समाज ने सामुहिक क्षमापना की

 

बड़ोद।आगर जिले के बड़ौद में पर्वाधिराज महापर्व पर्युषण की आराधना श्री आनंदचंद्र आराधना भवन में पूज्य साध्वी श्री शुद्धिप्रसन्ना श्रीजी महाराज साहेब, प्रवचनकार साध्वी पूज्य श्री प्रवृद्धि श्रीजी-समृद्धी श्रीजी महाराज साहेब ने पर्वाधिराज पर्युषण के समापन के अवसर पर प्रवचन के माध्यम से बताया कि सभी जीवों का कल्याण जब ही हो सकता है, जब हमारे दिल में क्षमा का भाव हो, भुल होना प्रकृति है किंतु उसे स्वीकार कर मान लेना हमारी प्रगति हैं। शिशा गलती से टूट जाता है किंतु रिश्ते गलत फहमी से टूटते है। जब हम स्वयं दुखी नही होना चाहते हैं तो दूसरे को भी दुखी नही करना चाहिए। परमात्मा ने सभी जीवों पर समभाव रखने को कहाँ हैं। क्षमा देने के लिए भी वीर बनना पड़ता है। आपस में बहस इतनी नहीं होनी चाहिये की बहस जीत जाये ओर रिश्ते हार जाये।सामुहिक क्षमापना का आयोजन में लालचंदजी नौलखा, भगवत स्वरुप जी श्रीवास्तव, संतोष जैन, शीखर जैन, ललित जै. राजावत, कमलेश कंठाली, सुंदर जैन, आराध्या संघवी, प्रतिष्ठा जैन, सानिध्य कुंडलबोहरा, हर्षित कोठारी, विजय देशरला ने सामुहिक क्षमापना पर अपने विचार रखकर क्षमायाचना की।

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Agar Live