आगर मालवा। आज कल चलते फिरते या बाजार में कहीं भी अचानक लोगों के कानों में पुलिस के हूटर मंत्रियों या वीआईपी के वाहनों के बजने वाले सायरन की आवाज सुनाई देती है जिसे सुनकर लोग अचानक कौतुहल से सड़क से गुजर रहे वाहनों को देखने लगते है कि शायद पुलिस की गाड़ी या प्रदेश का कोई मंत्री वीआईपी यहां से गुजर रहा है। लेकिन लोगों के आश्चर्य का उस वक्त ठिकाना नहीं रहता, जब पता चलता है कि यह गाड़ी किसी पुलिस मंत्री या वीआईपी की नहीं, बल्कि किसी सामान्य व्यक्ति का वाहन है। इस तरह के वाहन तो सामान्य रहते हैं लेकिन वीआईपी हूटर के सायरन की आवाज इसी वाहन से आती है।
यह नजारा आजकल आम हो गया है चूंकि शहर की सड़कों पर दौड़ने वाली कारों में इसी तरह के महत्वपूर्ण और सरकारी संकेत वाले हूटर्स और सायरन का उपयोग साधारण वाहनों में किया जा रहा है। इसकी होड़ प्रशासन से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी , ओर नेताओ में साफ तौर पर देखी जा सकती है जहाँ सरकारी नियमों का खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है। यहाँ तक कि गाड़ी के नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर न लिखते हुए अन्य नाम लिखें हुए आसानी से देखे जा सकते हे।इस मामले में खुद सरकारी अमला भी आंखों पर पट्टी बांधकर नंबर प्लेट और हार्न का दुरुपयोग करने वालों को अनदेखा कर रहा है। हम आप को बता दे कि बाजार में इस तरह के हार्न आसानी से चार या पांच सौ रुपए में उपलब्ध हो जाते है। जिसे बजाने पर उसमें से पुलिस सायरन एंबुलेंस या वीआईपी हूटर की आवाज गूंजती है। सरकारी नियमों के मुताबिक इस तरह के हार्न का उपयोग केवल अधिकृत वाहनों में उस वक्त किया जा सकता है।ज़ब उस कि जरूरत हो,इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी से बात करना चाहि तो मोबाईल कवरेज एरिया से बहार बताया गया।आगर जिले मे हुटर सायरन और नबर प्लेट पर नाम का बड़ा चलन
आरटीओ मूकदर्शक और पुलिस नहीं करती कोई कारवाई
ऐसा नहीं की इसकी जानकारी जिले के आरटीओ और पुलिस अधिकारियो को नही हे , कई जगह इनके सामने भी नेताओ की गाड़ियों और अधिकारियो की निजी वाहनों पर भी इसकी झलक साफ तौर पर देखी जा चुकी है ,लेकिन बावजूद इसके अभी तक इन विभागों द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है ।