समर्थन मूल्य के उपार्जन केंद्र पर बोरी सिलाई से लेकर सभी सामग्री मे फर्म लगा रही शासन को चुना

सरकारी आदेश मे 170ग्राम देना, मोके पर निकला 150ग्राम

बनाया पंचनामा,

आगर मालवा । पुरे प्रदेश भर मे इस समय शासन के द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानो से गेहू खरीदी का कार्य किया जा रहा हे। जहाँ केन्द्रो पर आने वाले किसानो से उनके स्लाट बुक कर उपार्जन केंद्र पर गेहू खरीदी कि जा रही हे। किसान भी अपनी उपज लेकर बनाए केन्द्रो पर बेचने पहुंच रहे हे। लेकिन इस बिच सरकारी सिस्टम कि पड़ ताल करने मीडिया टीम इन केन्द्रो पर पहुंची तो वहा एक अलग मामला निकल कर सामने आया। हम बात कर रहे हे मोटे तोर पर उपयोग मे आने वाले गेहू कि बोरियो को सिलने मे उपयोग आने वाले धागे कि, जिस मे गोल माल कर सरकारी सिस्टम को एक भोपाल कि फर्म चुना लगा रही हे।मामला हे आगर जिले के उपार्जन केंद्र चादन गाँव और अन्य सस्था का का चादन गाँव के बालाजी वेयर हॉउस पर किसानो कि गेहूं कि फ़सल समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हे। यहाँ उपार्जन केंद्र पर उपयोग मे आने वाली सामग्री कि बात करें तो नियमानुसार ऊपर से जो नियम और शर्ते दी गई। उस को ताक मे रख कर एक फर्म ने दी गई सामग्री मे जम कर गोल माल किया हे। ज़ब केंद्र पर मीडिया टीम पहुंची तो उपयोग मे ले रहे बोरी सिलाई के धागे के एक कोण का मोके पर वजन किया। जिस मे सीधे सीधे कमी पाई गई। वही उस के बाद और भी धागे के कोण का वजन किसानो और हिम्मलो कि मौजूदगी मे किया तो 150 ग्राम से 180ग्राम पाए गए। जिसका मोके पर पंचनामा भी बनाया गया।आप को बता दे कि गेहू खरीदी मे उपयोग होने वाले धागे का वजन जिस मे कोण और शुद्ध धागा दोनों का वजन अलग अलग कितना होना चाहिए। उस बात का फर्म को जिला सहकारी केंद्र बैंक शाजापुर से दिए एक पत्र मे जिक्र किया हे। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकली,

 

जमकर हुआ गोलमाल – 25मार्च से शुरू हुई खरीदी मे अब तक जिले भर मे हजारों टन गेहू तूल कर बोरियो मे भर चूका हे। ऐसे मे जो वजन बोरी सिलाई धागे का सरकारी आदेश मे निर्धारण किया उस मे एक खाली कोण का वजन 210 ग्राम तो शुद्ध धागे का वजन 170ग्राम होना चाहिए। लेकिन ज़ब मीडिया टीम ने अलग अलग जगह पर इस कि जांच कि और जानकारी निकाली तो चौकाने वाली बात सामने आई। केंद्र पर ही तूल रहे गेहू के तोल काटो पर इस का वजन किया तो एक कोण का धागे सहित वजन 150ग्राम निकला, ऐसा एक नहीं अलग अलग धागे के सेम्पल से लेकर तोला गया। तो वही वजन निकला, ज़ब कि नियमानुसार 170ग्राम वजन शुद्ध धागे और 210ग्राम वजन कोण मे होना चाहिए।
इस सम्भद मे ज़ब भोपाल कि सप्लायर कम्पनी नेशनल वेइंग सिस्टम के सप्लायर जीवन प्रजापति से बात कि तो पहले तो कहा कि हमारे धागे के कौण मे 180ग्राम वजन हे।150ग्राम होही नहीं सकता, वही कहा कि शाजापुर और आगर जिले मे कही से कोई शिकायत नहीं हे। वही यह भी कहा कि जिस केंद्र पर आप गए वहा हम ने कोई सप्लाय नहीं दी। वहा और कोई मटेरियल भेज रहा हे। इस सम्भद मे चादन गाँव केंद्र के प्रभारी से बात कि तो उन्होने शाजापुर से सामग्री आना बताया।

नहीं हे टीएम — अगर हम नियम और शर्तो कि बात करें तो केंद्र पर सामग्री देने वाली फर्म को दिए गए सामान पर अपना ट्रेट मार्क देना होता हे। लेकिन बोरियो मे भर कर आए धागे के कोण मे किसी कंपनी का ट्रेटमार्क नहीं लगा। वही एक पैकेट पर जे. के. थ्रेड फैक्ट्री इंडिया नाम लिखा पाया गया।लेकिन वजन और माल कहा से आया उस कि जानकारी नहीं दी गई। इस से साफ होता हे कि जो सामान दोनों जिलों मे एक फर्म को टेंडर दे कर भेजा कही न कही साट गांट होने के संकेत देता हे।खेर जो भी हो लेकिन इस खेल मे शासन को लाखो को चुना लगाने वाली फर्म को क्या सरकारी विभाग ब्लैक लिस्टेड करेगा।

जानकारी के अनुसार — सरकारी आदेश हे कि 1 रोल का वजन 210 ग्राम होना चाहिए।शुद्ध धागे का वजन 170 ग्राम होना चाहिए। वही फर्म का टीएम होना भी टेंडर प्रक्रिया मे शामिल हे। ऐसे मे फर्म के द्वारा नियमाअनुसार सामग्री नही देना साख सहकारी समिति के उपभोक्ताओ के साथ धोखा है। ऐसे में नियम और शर्ते अनुसार सामग्री जप्त कर उक्त फर्म पर कार्यवाही होना चाहिए।
इस संबंध में जब शाजापुर नापतोल विभाग के अधिकारी से जानकारी चाही तो बताया कि उपयोग मे आने वाली सामग्री कम निकलने कि जानकारी आप से मिली हे। जांच कि जाएगी।
वही जिला सहकारी केंद्र बैंक शाजापुर डी एम रविन्द्र दुबे से संपर्क किया तो उन्होंने अपना मोबाईल नहीं उठाया। आगर जिले कि डी आर सुनीता गोठवाल से भी इस संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने भी अपना मोबाईल नहीं उठाया।

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