कानड़। देश में अंग्रेजों का कानून समाप्त होने के बाद
नई व्यवस्था में इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के माध्यम से अब एफआईआर दर्ज करा सकते है। पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने के बाद कोर्ट मे गवाह अपने बयान नही बदल सकता। घटना स्थल की वीडियो ग्राफी होने के बाद जांच में पारदर्शिता रहेगी। सोमवार को तीनों कानून के प्रावधानों और नियमों की बिंदुवार जानकारी नगरवासियों को टीआई लक्ष्मण सिंह देवड़ा ने थाना परिसर में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान बताया। डीएसपी रघुनाथसिंह खातारकर, एसआई कैलाश सोनानिया, एस आई कटारिया, ए एसआई नारायण सिंह सोलंकी आदि उपस्थित थे। नगरवासियों को टीआई ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष संसद में अंग्रेजों के कानून में बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे 1जुलाई से देश भर में लागू कर दिया गया है। – जिसे भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के रूप में जाना जाएगा। पहले कानून की 511 धाराएं भारतीय दण्ड विधान में भी जिसे अब 358 कर दिया गया हैं। हत्या की धारा 302 हुआ करती थी जिसे अब 103(1) किया गया है। ऐसे ही सभी अपराधों की धाराओं में संशोधन हुआ है। नया कानून पीड़ित के न्याय का कानून होगा। इस दौरान दिनेश बीजापारी, संतोष बैरागी, गौरीशंकर सूर्यवंशी, राजेश आर्य, अंकुर शिंदे, विजय कुमार पाठक, दारासिंह आर्य, दिनेश बरेठा, दयाराम खजुरिया, दिनेश राठोर,संदीप जैन,एस जे हुसैन आदि उपस्थित थे।