तनख्वाह सरकारी काम प्राइवेट , कमीशन के खेल में मरीजो से लूट

 

आगर । आगर जिले में स्वास्थ्य सेवाएं मानो भगवान भरोसे है , वो कहावत तो आपने सुनी होगी कि सैया भये कोतवाल तो डर काहेका , बस यही कहावत वर्तमान में आगर के शासकीय चिकित्सको पर फिट बैठती नजर आ रही है , आगर जिला चिकित्सालय के कई चिकित्सक तो मानो प्राइवेट अस्पतालों के लिए भगवान से कम साबित नही हो रहे है जंहा वो खुद आधुनिक सेवाओ से लैस ट्रामा सेंटर को छोड़कर प्राइवेट हुक्मरानों की जेब भरने में जुटे हुवे है , जानकारी के मुताबित हर डिपार्टमेंट का एक चिकित्सक प्राइवेट अस्पताल के लिए किसी भगवान से कम साबित नही हो रहा जंहा वो खुद लक्ष्मी कमाते लगे हुवे प्राइवेट अस्पताल भी मालामाल करने में अपनी भूमिका निभा रहे है , वंही अगर पिछले कुछ समय से अगर पूरे सरकारी हेल्थ सिस्टम का विश्लेषण करो तो ये चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्र से आये लोगो को भी अच्छे इलाज का लालच देकर प्राइवेट अपने क्लीनिक व प्राइवेट अस्पताल में भेजकर मरीजो से मोटी रकम निकलवाकर देश की जीडीपी बढ़ाने में सरकार का साथ दे रहे

*सरकारी अस्पताल के 100 में 75 प्रतिशत डॉ ने खोली अपनी दुकानें* ।

जानकारी के मुताबित सरकारी अस्पताल के 100 प्रतिशत चिकित्सकों में से 75 प्रतिशत या तो अपने स्वंय के अस्पताल या क्लीनिक संचालित करने में लगे या फिर प्राइवेट संस्थाओं से हाथ मिलाकर रेफर बाजी कर कमीशन का गेम खेल रहे है जानकारी के मुताबित प्राइवेट अस्पतालों के ऑपरेशन थियेटर के रजिस्टर चेक किये जायें तो कई ऐसे चिकित्सको के नाम उजागर होंगे जो सरकार से भी लाखों की सैलरी पा रहे है साथ ही कई अस्पतालों में विजिटिंग कर अस्पताल से मरीज रेफर कर प्राइवेट में अपनी जेब गरम कर रहे है ।

*बिल से बनता है कमीशन का लिफाफा ,*

अगर वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ रैकेट के बात करे तो सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल आये मरीज के बढ़ते बिल के अनुसार सरकारी डॉ का लिफाफा तय होता है जंहा मेडिसिन , पैथोलॉजी जांच , व अन्य जांचों को करवाकर मरीज के बिल का मीटर बढ़ाया जाता है जिससे रेफरल डॉ को उसका हिस्सा बढ़ाया जा सके ।

*सरकारी अफसर की बिना मर्जी के कैसे सम्भव ये खेल ।*

आगर स्वास्थ्य विभाग में चल रही ये गतिविधियों से मानो ऐसा नही की जिलै के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी नही लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यवाही सिर्फ छोटी जगहों पर कर ये भी दर्शाती है कि तालाब में सिर्फ बडी मछली ही अपना राज कर सकेगी छोटी मछलियां सिर्फ ऐसी खबरें छपने पर शिकार के तौर पर काम आ सके , साथ ही जानकारी के मुताबित स्वास्थ्य विभाग के एक बाबू की भी इसमें बड़ी भूमिका बताई जाती है जिसे आने वाले समय मे आपके सामने प्रूफ के साथ हम पेश करने वाले है ।

*पूर्व में अच्छे डॉ चढ़ चुके है दलालो की भेंट ।*

आगर जिला चिकित्सालय में मानो ऐसा नही की अच्छे चिकित्सक ओर अच्छी सुविधाएं नही है ,आगर जिला चिकित्सालय जिले के सबसे आधुनिक सुविधाओं से लैस है जंहा हाईटेक ऑपरेशन थियेटर , आधुनिक आईसीयू , एनआईसीयू , ओर सोनोग्राफी समेत पैथोलॉजी लेब यंहा स्थित है , कुछ चिकित्सक पूर्व में भी अपनी अच्छी सेवाओ के चलते प्राइवेट अस्पतालों के दलालों की बली बन चुके है जिसमे महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भी शामिल है , अस्पताल में वर्तमान में भी नई महिला रोग विशेषज्ञ डॉ उर्मिला मीणा अपनी सेवाओ के चलते सरकारी अस्पताल में गरीब मरीजो को ऑपरेशन से डिलेवरी की सेवाएं उपलब्ध करवा रही है , जंहा सूत्रों की मानो तो उनके ख़िलाफ़ भी सरकारी  अस्पताल की कुछ लाबी सरकारी सुचारू  अच्छी सेवाओ के डर व अपनी दुकान बंद होने के चलते अभी से षड्यंत्र में जुट गई ।

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