मध्यप्रदेश तेजी से विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्त करता रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी !!
17 हजार करोड़ रुपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का वर्चुअली लोकार्पण एवं शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नवाचार के कार्यक्रम हो रहे हैं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्त करता रहेगा। विकास परियोजनाएं और कार्य मध्यप्रदेश को विकसित राज्य बनाने के साथ जनता के जीवन को आसान बनायेंगी। इनसे निवेश, नौकरियां और स्वरोजगार के अवसर बढेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में “विकसित भारत-विकसित मध्यप्रदेश” कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल मंगु भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम का शुभांरभ किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित मध्य प्रदेश के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार खेती, उद्योग और टूरिज्म पर अधिक बल दे रही है। मां नर्मदा पर तीन परियोजनाओं का भूमि पूजन, जनजातीय क्षेत्र में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की समस्या का समाधान भी करेगा। सिंचाई के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में नई क्रांति होते दिख रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के लाखों परिवारों का जीवन बदलने वाला है। वर्ष 2014 से पहले 10 वर्षों में 40 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाया गया था लेकिन पिछले 10 वर्षों में 90 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ा गया है।
साइबर तहसील, ग्रामीण परिवारों का समय और धन बचाएगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रदेश में साइबर तहसील का शुभारंभ किया जा रहा है। साइबर तहसील के माध्यम से जमीन का नामांतरण रजिस्ट्री और अन्य मामलों का समाधान डिजिटल माध्यमों से त्वरित रूप से हो जाएगा। इससे ग्रामीण परिवारों का समय और धन दोनों बचेगा। यह समय और धन ग्रामीण परिवार कृषि और उससे जुड़े अन्य रोजगार में लगाएगा। इस तरह से उसकी आय में भी वृद्धि होगी और जीवन आसान होगा।
विक्रमोत्सव हमारी गौरवशाली विरासत और विकास का उत्सव
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विक्रमोत्सव हमारी गौरवशाली विरासत और विकास का उत्सव है। समृद्धशाली विरासत और विकास कार्य कैसे एक साथ उत्सव के रूप में मनाये जाते हैं, यह उसका प्रमाण है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पूरे विश्व में वैदिक गणना की केंद्र रही है। प्राचीन समृद्ध इतिहास को फिर से स्मरण करते हुए विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी उज्जैन में स्थापित की जा रही है। यह हमारे समृद्ध अतीत को याद करने का सिर्फ अवसर नहीं है बल्कि भारत को विकसित बनाने के क्रम का साक्षी बनने का मौका भी है।